इन खोजों से बदलेगी डायबिटीज के इलाज की दुनिया
डॉक्टर अनूप मिश्रा
पूरी दुनिया में अभी डायबिटीज और उसके इलाज से संबंधित अनगिनत शोध और अध्ययन चल रहे हैं। नीचे डायबिटीज से संबंधित शोध की कुछ प्रासंगिक सूचनाएं दी गई हैं:
नई दवाएं एवं इंसुलिन:
कम से कम 25 तरह की दवाएं विकास के चरण में हैं। इनमें से कई शरीर में नए जैवरासायनिक रास्तों से काम करते हैं। लंबे समय तक काम करने वाले कई इंसुलिन और इंसुलिन पैच आदि भी अभी प्रायोगिक चरण में हैं।
स्टेम सेल थेरेपी:
डायबिटीज और डायबेटिक फुट के इलाज में स्टेम सेल थेरेपी ने संभावनाएं जगाई हैं। इसमें टाइप डायबिटीज के इलाज की भी कुछ संभावना दिखी है मगर ये सभी अभी प्रयोग के स्तर पर ही है।
कृत्रिम अग्न्याशय (पैंक्रियाज):
एनकैप्स्यूलेटेड बीटा सेल्स (जो कि पैंक्रियाज या अग्न्याशय में इंसुलिन उत्पादित करता है) के बायोकंपीटेबल शीट से बने जैव-कृत्रिम अग्न्याशय का विकास किया गया है। इसे ऑपरेशन के जरिये प्रत्यारोपित किए जाने पर ये शीट एंडोक्राइन पैंक्रियाज की तरह व्यवहार कर सकती है और वर्षों तक काम करती है।
अमेरिका के फूड एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने हाल ही में एक बायोनिक पैंक्रियाज, जिसमें एक इंटेलीजेंट सेंसर लगा है, को मंजूरी दी है। ये उपकरण अपने आप शरीर में ग्लूकोज के स्तर को सेंस कर लेता है और उसके अनुसार इंसुलिन की डोज का निर्धारण करता है। इसकी वजह से यह बहुत हद तक प्राकृतिक पैंक्रियाज की तरह की है।
(डॉक्टर अनूप मिश्रा के किताब डायबिटीज विद डिलाइट से साभार। ये पुस्तक शीघ्र ही हिंदी पाठकों के लिए भी उपलब्ध होगी।)
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